हमारी संस्कृति हमारी धरोहर
(आशीष सिंघल)
सूरजपुर में बाराही माता के मंदिर में चल रहे ऐतिहासिक “बाराही मेले” के समापन समारोह के पावन पर्व पर मेला समिति द्वारा भगवत प्रशाद शर्मा को उनके द्वारा किये गये उत्कृष्ट कार्य के लिये मेला समिति के पदाधिकारियों ने स्मृति-चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया गया। भगवत प्रशाद शर्मा मूल रूप से ग्राम खाम्बी बृजधाम (हरियाणा) के रहने वाले हैं। पिछले 30 वर्षों से वो यहीं ग्रेटर नौएडा में रह रहे हैं। वर्तमान में वो गलगोटियास विश्वविद्यालय में मीडिया एक्ज़ीक्यूटिव के पद पर कार्यरत हैं। साहित्य के क्षेत्र में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान है। उनके अनेक लेख और कविताएँ समय- समय पर पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। जैसे कि मातृशक्ति को नमन, गंगा मैया की गोद में बसती है भारत की महान संस्कृति, देश भक्ति की कविता शहीदों को नमन आदि प्रमुख रूप से प्रकाशित हुई हैं। अनेक मंचों पर भी उनको अपनी कविताएँ सुनाने का अवसर प्राप्त हुआ है। और उनको सम्मानित भी किया गया है। उनका स्वभाव बहुत ही मिलनसार और वो बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं।