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*नियमित योग करने से स्वार्थी व्यक्ति भी निस्वार्थ हो जाता है : ओम प्रकाश चौहान*

*नियमित योग करने से स्वार्थी व्यक्ति भी निस्वार्थ हो जाता है : ओम प्रकाश चौहान*

नियमित योग करने से स्वार्थी व्यक्ति भी निस्वार्थ हो जाता है : ओम प्रकाश चौहान
-सेक्टर डेल्टा-3 में निरंतर चल रहा है निशुल्क योग शिविर
-संस्थान में बुधवार को मनाया गया भारतीय योग संस्थान का 57 वा स्थापना दिवस

रिपोर्ट : ओम प्रकाश चौहान, वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार


ग्रेटर नोएडा ग्रेटर नोएडा के डेल्टा 3 सेक्टर स्थित भारतीय योग संस्थान ( योग भवन ) में चल रहे निशुल्क योग शिविर में बुधवार ( 10 अप्रैल 2024 ) को भारतीय योग संस्थान का 57 वा स्थापना दिवस मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाजसेवी एवं वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार ओम प्रकाश चौहान ने इस मौके पर साधकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय योग संस्थान 10 अप्रैल 1967 को अस्तित्व में आया। ग्रेटर नोएडा मे योगाचार्य रामचंद्र भास्कर जी ने योग संस्थान की स्थापना की। वर्तमान में ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में करीब 20 -25 स्थान पर योग भारतीय योग संस्थान के केंद्र संचालित हैं। यहां लोगों को निशुल्क योग कराया जाता है। मुख्य अतिथि ने कहा कि लोगों को निशुल्क योग लाभ उठाना चाहिए। डेल्टा 3 स्थित संस्थान के केंद्र प्रमुख एवं योगाचार्य लाखन सिंह ने शिविर में सेक्टरवासियों को प्राणायाम एवं योगाभ्यास कराया। रोज की तरह शिविर में मौजूद लोगों ने अनुलोम-विलोम, कपालभाति, सर्प आसान, सभी योगासन, प्राणायाम कियाI ईश्वर वंदना के साथ योग समाप्ति के बाद शिविर में आए साधकों ने भारतीय योग संस्थान के स्थापना दिवस पर एक -दूसरे को शुभकामनाएं दीI योगाचार्य लाखन सिंह ने साधकों को बताया कि मनुष्य का स्वस्थ रहने के लिए सुबह जल्दी उठकर व्यायाम, दौड़ एवं योग करना चाहिएI जो लोग योग (व्यायाम ) को अपनी दिनचर्या बना लेते हैं , वह हमेशा स्वस्थ रहते हैंI मनुष्य रोज आधा घंटा व्यायाम करें तो उसे जिंदगी में कभी कोई बीमारी नहीं होगी I भोपाल से पधारे राजेंद्र सिंह ने लोगों को स्वस्थ रहने के गुर बताते हुए कहा कि योग एक नशा है , यदि हम प्रतिदिन योग करेंगे तो कभी बीमार नहीं होंगे I हमेशा निरोग रहेंगे। हर रोज की तरह शिविर में लोगों ने शीर्षासन, सर्वांगासन, सर्प आसान, पवनमुक्तासन, कपालभाति सूर्य नमस्कार के अलावा सभी आसान किया। बुधवार को योग शिविर में ओमप्रकाश चौहान , पूरन बिष्ट , आर पी शर्मा, दीपक गर्ग, ऊषा, कुसुम, सीमा गर्ग, सरिता, निशा, श्रीमती अर्चना सक्सेना, विशाल, राजीव सक्सेना समेत दर्जनों साधकों ने प्राणायामj एवं योग का लाभ उठायाI संजीव बैसला ने शिविर में आए साधकों से अनुरोध किया कि ज्यादा से ज्यादा साधकों को साथ लेकर आए और निशुल्क योग शिविर का लाभ उठाएं।

 

(बॉक्स )

भारतीय योग संस्थान 10 अप्रैल 1967 को अस्तित्व में आया, यह गैर-सांप्रदायिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और गैर-लाभकारी संगठन है। यह भारतीय सांस्कृतिक विरासत में दृढ़ता से विश्वास करता है और इसका संरक्षण और संरक्षण करके पुनः स्थापित करना है। यह भारतीय संस्कृति के उदात्त मानवीय आदर्शों जैसे ‘वसुधैव कुटुंबकम’ – संपूर्ण ब्रह्मांड हमारा परिवार है और ‘लोक समस्त सुखिनो भवन्तु’, ‘सर्वे भवन्तु सुखिना’ – सभी खुश रहें, सभी खुशी और खुशी में आनंदित रहें, से प्रेरणा लेता है। और ‘लिव ‘एन’ लिवेन’ के समान सभी मानवता की सेवा के लिए जिएं और दूसरों को सर्वशक्तिमान की सेवा में रहने के लिए प्रेरित करें। मुख्य अतिथि ओमप्रकाश चौहान ने कहा व्यक्ति यदि 30 मिनट तक खड़े होना, बैठना, घुटनों के बल, पेट के बल, पीठ के बल बैठना आदि प्रतिदिन न्यूनतम एक आसन अवश्य करना चाहिए। इसके अलावा दूसरे चरण में साधक शारीरिक स्वास्थ्य 20 मिनट तक पारणायाम करें। इसमें ‘हंसी योग’ शामिल है। यह दूसरा भाग साधक की मानसिक फिटनेस के लिए बनाया गया है। विचार शरीर की ‘ब्रह्मांडीय ऊर्जा’ है और इसे दैनिक आधार पर उपयोग करने की आवश्यकता है। तीसरा भाग 10 मिनट का है जिसमें ‘ध्यान’ और ‘मंत्रों का जाप’ और ‘प्रार्थना’ शामिल है। वर्तमान में ग्रेटर नोएडा में करीब 20 से अधिक निःशुल्क योग केंद्र संचालित कर रहा है, जहां सभी जातियों, पंथों, वर्गों, अमीर, गरीब, युवा, बूढ़े, पुरुष, महिला लाभान्वित हो रहे हैंI भारतीय योग संस्थान डेल्टा में प्रतिदिन निशुल्क एक घंटे तक योगाभ्यास कराया जाता है। सभी योग केंद्र रोजमर्रा विशेषज्ञ निस्वार्थ योग शिक्षक केंद्रों का निःशुल्क संचालन करते हैं। धीरे-धीरे और नियमित रूप से योगाभ्यास करने से स्वार्थी व्यक्ति निःस्वार्थी बन जाता है। वह बिना किसी पुरस्कार की आशा किए दूसरों का भला करना शुरू कर देता है। इस प्रकार, वह अपने जीवनकाल में लालच और परिणामस्वरूप मन की अन्य सभी बीमारियों से दूर रहने में सक्षम होता है। इसलिए संस्थान प्रत्येक व्यक्ति को निःस्वार्थ कर्मयोगी बनने में सक्षम बनाता है। सेमिनारों, बातचीत, योगाभ्यास आदि के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाता है।

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