Blog

*बेसहारा छुट्टा पशुओं के लिए नहीं है कोई इंतजाम,प्यास से तोड़कर निकल न जाए जान*

*बेसहारा छुट्टा पशुओं के लिए नहीं है कोई इंतजाम,प्यास से तोड़कर निकल न जाए जान*

Powered by myUpchar

बेसहारा छुट्टा पशुओं के लिए नहीं है कोई इंतजाम,प्यास से तोड़कर निकल न जाए जान

जहांगीरपुर :-(कृष्णा वत्स) जून की तपस में हलक सूखाती गर्मी से मनुष्य तो पानी का इंतजाम कर ही लेता है ऐसे में बेजुबान आवारा घूमने वाले जानवर बूंद-बूंद पानी के लिए इधर-उधर भटकते रहते हैं।ऐसे बेसहारा छुट्टा पशुओं को गर्मी में प्यास से राहत देने के लिए नगर पंचायत ने कस्बे में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर सीमेंट की टंकियां खरीदकर रखवाई थी, इतना ही नहीं ये टंकियां प्रतिदिन नगर पंचायत के माध्यम से भरी जा सकें, इसके लिए युवाओं की टीम प्रतिदिन टंकियों का निरीक्षण कर साफ सफाई के साथ पानी से भरी जाती थी।जिससे नगर में घूमने वाली आवारा गाय सहित अन्य मवेशी गर्मियों में प्यासे न रहें।लेकिन इस वर्ष पशु नाले नालियों का गंदा पानी पीकर प्यास बुझाने को मजबूर हैं। ऐसे बेजुबान पशुओं की प्यास बुझाने का भी इंतजाम यदि समय रहते न किया गया तो उनकी जान के लाले पड़ जायेंगे। ज्ञान से शून्य ये जानवर जिन्हें लोग बेसहारा कहते हैं दूसरों पर आश्रित रहकर अपने जीवन जीते हैं। पानी के लिए तरसते हैं।जिसके चलते अब जानवरों के लिए नगर में कहीं भी पीने के पानी का इंतजाम न होने के कारण ये बेजुबान जानवर नाले नालियों का गंदा पानी पीकर अपनी प्यास बुझाने को मजबूर है। समय रहते प्रशासन अथवा सामाजिक संगठनों द्वारा इनके पीने के पानी का इंतजाम न हुआ तो गर्मी के तपते दिनों में कई जानवरों को पानी के बिना प्यास से ही जान निकल जायेगी।

Related Articles

Back to top button