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*भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति के प्रतिनिधि मंडल ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मा० श्यौराज सिंह के नेतृत्व में उधोग मंत्री नंद गोपाल नंदी से मिला किसानों की मांगो को पुरजोर ढंग से बताया* या

*भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति के प्रतिनिधि मंडल ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मा० श्यौराज सिंह के नेतृत्व में उधोग मंत्री नंद गोपाल नंदी से मिला किसानों की मांगो को पुरजोर ढंग से बताया* या

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(आशीष सिंघल)


आज दिनांक 5-7-2025 दिन शनिवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में उद्योग मंत्री नंद गोपाल नंदी से राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति मास्टर श्यौराज सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल से किसानों के मुद्दों पर वार्ता तीनों प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ हुई जिसमें
(1) आबादियों का निस्तारण जोकि अधिग्रहण व पुर्नग्रहण की गयी सभी का तीनों प्राधिकरण से निस्तारण कराया जाए।
(2) गांव व क्षेत्र के पुस्तैनी किसान पर जिनकी आबादी गांवों से सटी हुई हैं उन पर धारा 10न की जाए। तथा गाँव का लाल डोरा आबादी के बढाव को देखकर गांव की परिधी से कम से कम 500 मी की दूरी पर रखा जाए और नया अधिग्रहण गांव का सर्वे कराकर किया जाए।
(3) जेवर एयरपोर्ट के किसानों को विस्थापन में सभी सुविधा का ध्यान रखा जाए। एवं यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा जेवर एयरपोर्ट के किसानों के लिए आवासीय व कामर्शियल योजना निकाली जाए। क्योंकि यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण को आज जेवर के किसान के त्याग की वजह से ही रफ्तार मिली है।
(4) यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण का किसान संपूर्ण यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में पुस्तैनी माना जाए या पुस्तैनी गैर पुस्तैनी का भेद भाव खत्म किया जाए।
(5) जो किसान परिवार 2009-10 में संपूर्ण जमीन अधिग्रहण होने के कारण बेरोजगार हो गये उन परिवार के बच्चों को रोजगार में वरियता दी जाए तथा जेवर एयरपोर्ट के किसान परिवार को रोजगार की व्यवस्था की जाए।
(6) तीनों प्राधिकरण क्षेत्र में घरों की घरोंनी बननी अति आवश्यक है वरना किराये दार मकान का किराया भी नहीं देगा और मकान भी छिन जाएगा।
(7) यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण यमुना हाईवे के किसानों का अतिरिक्त मुआवजा व आवासीय प्लाट देना शुरू कर दे।
(8) नोएडा- ग्रेटर नोएडा ने न्यायालय जाने वाले किसानों को ही लाभ दिया जो नहीं गये उन्हें नहीं दिया गया भले ही सह खाते दार ही क्यों न हो जबकि जो कोर्ट नहीं गया वह किसान तो सरकार व प्राधिकरण का सहयोगी था उसी के साथ अन्याय। सभी को अतिरिक्त मुआवजा व 10% आवासीय प्लाट देना अनिवार्य होना चाहिए।
(9) हम किसी भी कंपनी और यूनिवर्सिटी के खिलाफ नहीं परंतु कंपनी और यूनिवर्सिटी को तुरंत कब्जा और किसान को आज तक आवासीय प्लाट नहीं बहुत बड़ा भेदभाव इसे खत्म किया जाना चाहिए तथा यूनिवर्सिटी और कंपनियों में किसान के बच्चों को छूट पर आरक्षण देना अनिवार्य होना चाहिए कम से कम शिक्षा और स्वास्थ्य में 50% की छूट अनिवार्य हो।
(10) मुर्दा मवेशी के लिए उचित स्थान व प्लांट की तथा ठेके की उचित व्यवस्था हो।
(11) गौतम बुद्ध नगर में यूनिवर्सिटी व कंपनियों द्वारा जल दोहन पर पाबंदी होनी चाहिए क्योंकि जल ही जीवन है।
(12) जून 2011 के वार्षिकी के शासन आदेश में भूमि हीन व लघु एवं सीमांत किसान के लिए 5 वर्षों का न्यूनतम वेतन का प्रावधान था जिसमें आज तक किसी को नहीं दिया गया।
(13) यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में राज्य कर्मचारी बीमा अस्पताल (ईएस आई सी) यूनिवर्सिटी के लिए केन्द्रीय श्रम मंत्री जी को पत्र लिखा जाना अनिवार्य है।
(14) जिन किसानों की जमीन पर अपर जिला अधिकारी भूमि अधिग्रहण द्वारा आज तक कब्जा प्राप्त नहीं किया गया उनको आबादी वाले गाटों को आबादी के लिए झोडते हुए बाद बाकी को आज का मुआवजा दिया जाना अनिवार्य होना चाहिए।
(15) तहसीलों से माल कागजात मूल नक्शा 41-45 , 1359 फसली आफिस खाने से तथा लेखपाल से लेकर एक कापी प्राधिकरण में होनी अनिवार्य है। तथा प्राधिकरण के गाँव में 132 की जमीन की पैमाईश का अधिकार प्राधिकरण को हो। तथा वशियत के मामले सुनने का अधिकार भी प्राधिकरण को ही हो। मास्टर श्यौराज, प्रताप नागर विश्वास नागर, दीपक चौधरी, अहमद खान प्रमोद शर्मा, राजेश चौधरी सहित 11 सदस्यों का प्रतनिधी मंडल मिला।

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