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*फार्माइनोवेट समिट 2024: गलगोटिया कॉलेज ऑफ फार्मेसी द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया गया।*

*फार्माइनोवेट समिट 2024: गलगोटिया कॉलेज ऑफ फार्मेसी द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया गया।*

15 नवम्बर 2024.

फार्माइनोवेट समिट 2024: गलगोटिया कॉलेज ऑफ फार्मेसी द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया गया।

(आशीष सिंघल)

ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश, 15-16 नवंबर, 2024 दो दिवसीय
फार्माइनोवेट समिट 2024 एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन जिसे गलगोटिया कॉलेज ऑफ फार्मेसी द्वारा आयोजित किया गया, इस सम्मेलन में में दवा खोज और वितरण प्रणालियों में नवीनतम प्रगति का पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं, उद्योग विशेषज्ञों और शिक्षाविदों को एक साथ एक ही मंच पर लाया गया है। “बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए दवा की खोज और वितरण में नवाचार के माध्यम से चिकित्सा का भविष्य आकार देने” के थीम के तहत, इस कार्यक्रम ने फार्मास्यूटिकल साइंस में नवाचार की भूमिका पर जोर दिया है। जिसका महत्वपूर्ण उद्देश्य वैश्विक स्तर पर रोगियों के उपचार परिणामों में अभूतपूर्व सुधार करना है।

यह सम्मेलन 15 नवंबर 2024 को दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ शुरू किया गया। जिसमें आज पहले दिन 450 से अधिक प्रतिभागियों की उपस्थिति रही। जिसमें श्री सुनील गलगोटिया (चेयरमैन), डॉ. ध्रुव गलगोटिया (सीईओ), और डॉ. विक्रम शर्मा (डायरेक्टर) शामिल थे। मुख्य अतिथि डॉ. कार्स्टन माडर, जो जर्मनी के मार्टिन लूथर यूनिवर्सिटी हैले-विटेनबर्ग के फार्मेसी संस्थान में प्रोफेसर हैं, वो इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुँचे। कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. विक्रम शर्मा ने शाल उढाकर और स्मृति-चिन्ह भेंट करके उनका विशेष स्वागत किया।

फार्माइनोवेट समिट 2024 के मुख्य आकर्षण:

उद्घाटन संबोधन
सम्मेलन की शुरुआत डॉ. विक्रम शर्मा के स्वागत भाषण से हुई, जिन्होंने सम्मेलन के उद्देश्यों का अवलोकन प्रस्तुत किया और फार्मास्युटिकल नवाचार के भविष्य को आकार देने में अंतर-विषयक सहयोग के महत्व पर जोर दिया।

प्रमुख सत्र

डॉ. कार्स्टन माडर ने “परेंटेरल नियंत्रित रिलीज: चिकित्सा की आवश्यकताएं, चुनौतियां और नए विकास” पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया, जो क्रोनिक बीमारियों के प्रबंधन में नियंत्रित रिलीज़ प्रणालियों की भूमिका पर केंद्रित था।
जामिया हमदर्द, नई दिल्ली से डॉ. फरहान जलीस अहमद ने “दवा वितरण के दृष्टिकोण में रुझान” पर चर्चा की, जिसमें उन्होंने लिपोसोम्स और नैनोपार्टिकल्स जैसी नवाचारों की महत्वपूर्ण भूमिका बताई।
एआईएमएसटी यूनिवर्सिटी, मलेशिया से डॉ. नीरज फुलेरिया ने
“ऑर्थोमॉलेक्यूल्स और ऑर्थोमॉलेक्यूलर मेडिसिन” पर अपने विचार प्रस्तुत किए, जिसमें उन्होंने विटामिन और एमिनो एसिड जैसी प्राकृतिक तत्वों के चिकित्सीय उपयोग पर जोर दिया।

सेंट जॉन्स यूनिवर्सिटी, यूएसए से डॉ. केतन पटेल ने “अगली पीढ़ी के दवा अणुओं के वितरण के लिए उभरती फॉर्मूलेशन तकनीकें” पर बात की, जो रोगी अनुभव और उपचार प्रभावशीलता में सुधार के लिए नए दृष्टिकोणों की आवश्यकता पर बल देते हैं।

* प्लेनरी सत्र और चर्चाएँ

डॉ. देवेश तिवारी ने पारंपरिक चिकित्सा की आधुनिक दवा खोज में भूमिका पर प्रकाश डाला।
आईएनएमएएस-डीआरडीओ के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. असीम भटनागर ने दवाओं के व्यावसायीकरण में नवाचारों पर चर्चा की।
यूनिवर्सिटी ऑफ जिनेवा से डॉ. ट्यूडर आर्विन्टे ने बायोफार्मास्युटिकल एग्रीगेशन पर केस स्टडीज़ प्रस्तुत कीं, जो दवाओं की प्रभावशीलता और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं।
छात्र और पेशेवर सहभागिता
इस समिट ने छात्रों और पेशेवरों को वैश्विक विशेषज्ञों के साथ बातचीत करने, नवीनतम शोध रुझानों का अनुभव करने और फार्मास्यूटिकल साइंस में करियर के अवसरों की खोज करने के लिए एक गतिशील मंच प्रदान किया गया।

प्रभाव और भविष्य की दृष्टि
इस कार्यक्रम ने वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों के समाधान में अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। सम्मेलन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, नैदानिक परीक्षण, फार्माकोविजिलेंस और नियामक मामलों पर चर्चाओं का आयोजन कर हेल्थकेयर में नवाचार को प्रोत्साहित किया।

* सम्मानित व्यक्तियों के संदेश:

गलगोटियाज विश्वविद्यालय के चांसलर श्री सुनील गलगोटिया ने सम्मेलन की मेजबानी पर गर्व व्यक्त किया और फार्मेसी के क्षेत्र में नवाचार और शैक्षणिक उत्कृष्टता की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
विश्वविद्यालय के सीईओ डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन स्वास्थ्य सेवा के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
डायरेक्टर डॉ. विक्रम शर्मा ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद किया और सम्मेलन की सफल आयोजन की सराहना की।

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