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## *बाल श्रम निषेध दिवस पर सामाजिक संस्था युवा शक्ति ने कला के माध्यम से दिया जन संदेश*

## *बाल श्रम निषेध दिवस पर सामाजिक संस्था युवा शक्ति ने कला के माध्यम से दिया जन संदेश*

*बाल श्रम निषेध दिवस पर सामाजिक संस्था युवा शक्ति ने कला के माध्यम से दिया जन संदेश*

(आशीष सिंघल)

 

12 जून 2024 को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर, सामाजिक संस्था युवा शक्ति वाईएसएस फाउंडेशन ने कला एवं नुक्कड़ नाटक के माध्यम से एक प्रभावशाली जन संदेश दिया।

इस कार्यक्रम में, युवाओं ने नृत्य, नाटक, चित्रकला और गीत के माध्यम से बाल श्रम की कुरीतियों को उजागर किया और लोगों को इसके खिलाफ जागरूक किया।

बच्चों द्वारा प्रस्तुत एक नाटक ने दर्शकों को भावुक कर दिया। नाटक में, उन्होंने दिखाया कि कैसे बाल श्रम बच्चों के बचपन और शिक्षा को छीन लेता है। युवा कलाकारों द्वारा बनाई गई चित्रों ने बाल श्रम के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों को दर्शाया। उत्साहित गीतों और नृत्यों ने लोगों को प्रेरित किया कि वे बाल श्रम के खिलाफ आवाज उठाएं और इस कुप्रथा को समाप्त करने में अपना योगदान दें।

युवा शक्ति के संस्थापक सचिन गुप्ता ने कहा, “बाल श्रम एक गंभीर सामाजिक बुराई है। हमें मिलकर इस कुप्रथा को जड़ से मिटाना होगा। कला एक शक्तिशाली माध्यम है जिसके जरिए हम लोगों को जागरूक कर सकते हैं और उन्हें प्रेरित कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए, जिन्होंने युवा कलाकारों के प्रदर्शन की सराहना की और बाल श्रम के खिलाफ लड़ाई में उनका समर्थन देने का वादा किया।

बाल श्रम निषेध दिवस हमें यह याद दिलाने का अवसर देता है कि हर बच्चे को शिक्षा और विकास का अधिकार है, न कि काम करने का। हमें मिलकर प्रयास करने होंगे ताकि सभी बच्चों को एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने का अवसर मिल सके। आज के कार्यक्रम में दुर्गा प्रसाद दुबे, सुषमा निषाद, प्रिया, शाज़दा प्रवीन, अंशिका, वर्षा, कोमल, मुस्कान और अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

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