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*कस्बों में फर्जी अस्पताल और शहर में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार*

*देहात मैं फर्जी अस्पताल और शहर में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार*

1–देहात मैं फर्जी अस्पताल और शहर में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार
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आगरा…. अगर हम फर्जी अस्पताल और झोलाछाप डॉक्टर की बात करें तो देहात में फर्जी अस्पताल और शहरी क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टर एवं फर्जी क्लिनिक की भरमार देखने को मिलेगी झोलाछाप डॉक्टर का जाल कुछ ज्यादा ही अधिक संख्या में फैला हुआ है न जाने कितनी बार स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों ने फर्जी अस्पताल और झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ पिछली बार ना जाने कितनी बार अभियान भी चलाया, कुछ पर कार्रवाई हुई तो कुछ क्लीनिक एवं अस्पताल बंद कर फरार हुए और फिर से उन्होंने अपना मरीजो के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने का कारोबार शुरू कर दिया अब ऐसे में आप खुद ही बताएं यह कैसी करवाई। सूत्रों की माने तो यह भी बताया कि जब स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के लिए निकलती है तो टीम निकलने से पहले अस्पताल एवं झोलाछाप डॉक्टरों को पहले खबर मिल जाती है और वह चौकन्ने हो जाते हैं या तो क्लीनिक बंद कर फरार हो जाते हैं या कुछ ना कुछ इंतजाम कर लिया जाता है अब आप ही बताएं कि इस नजर से देखा जाए तो फिर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से देहात और शहर में चल रहे फर्जी अस्पताल एवं झोलाछाप डॉक्टर का बोलबाला साफ दिखाई देता है। क्योंकि फर्जी अस्पताल एवं झोलाछाप डॉक्टर क्लीनिक को पर बैठे डॉक्टर का हौसला ऐसे ही बुलंद नहीं होता क्योंकि स्वास्थ्य विभाग को पहुंचती है हर महीने रकम । झोलाछाप डॉक्टर एवं फर्जी अस्पतालों में बीमारी कोई भी हो सभी बीमारी का इलाज करते हैं मना किसी से नहीं करते ऊपर दिए गए चित्र में साफ दिखाई देता है हर प्रकार का इलाज ऐसे अस्पतालों में किया जाता है। जब किसी मरीज का कैसे बिगड़ जाता है स्वास्थ्य को लेकर तो यह झूला छाप डॉक्टर एक ही सेकंड भी अपनी क्लिनिक में मरीज को नहीं रुकने देते तुरंत ही मरीज को बाहर निकाल कर खड़ा कर देते हैं।
कोई भी घटना होती है तो कौन होगा जिम्मेदार। अगर सीएमओ साहब खुद अपनी कुर्सी, छोड़कर नजर डाले तो टेड़ी बगिया मस्जिद के पीछे, हाथरस रोड प्रकाश कोल्ड के पीछे मोनू उपाध्याय क्लिनिक एवं गंगाराम क्लीनिक और भी कई अन्य क्लीनिक है, जो झोलाछाप चला रहे हैं । इन क्षेत्रों में जाकर देखें तो साफ दिखाई देगा। यहां कैमरा की भी जरूरत नहीं पड़ेगी इन झोलाछाप डॉक्टरों ने गरीब बस्तियों में अपना जाल बिछा रखा है और सस्ते इलाज का लालच देते हैं नई-नई क्लिनिक खोलते समय लेकिन जैसे ही उनका यह कारोबार जम जाता है तो फिर 30 20 40 नहीं सीधे उनकी फीस ₹100 से लेकर125 रु तक हो जाती है चाहे सर्दी हो जुखाम हो बुखार हो रोग कोई सा भी हो इलाज सबका होगा हालत बढ़ने पर जिम्मेदार डॉक्टर नहीं होगा झूला छाप यही नियम होता है इनका छुपा रुस्तम कुछ लोगों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया की फर्जी एवं झूला छाप डॉक्टरों की पहुंच कहीं ऊपर तक है इसलिए दबदबा रखते हैं तो फिर आप खुद ही बताएं कैसे कार्रवाई पूरी होगी यह तो खुद सीएमओ साहब ही बता पाएंगे जांच कर अब देखना होगा कि आखिर कर अभियान चला कर फर्जी अस्पताल एवं झोलाछाप डॉक्टरों पर स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी क्या कार्रवाई करेंगे या फिर सब कुछ ऐसे ही चलता रहेगा
मुढी चौराहे पर तमाम अस्पताल क्लिनिक चल रहे अवैध रूप से
सूत्रों ने बताया है कि भ्रूण हत्या जैसे काम होते हैं
जगह-जगह चल रहा है झोलाछापों का खेल
मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग नहीं कर रहा कार्रवाई।

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