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*60 वर्ष बाद भी अंतिम संस्कार के लिए नही मिली श्मशान भूमि*

*60 वर्ष बाद भी अंतिम संस्कार के लिए नही मिली श्मशान भूमि*

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60 वर्ष बाद भी अंतिम संस्कार के लिए नही मिली श्मशान भूमि

आशीष सिंघल●दनकौर :

क्षेत्र के डूंगरपुर रिलखा गांव में रहने वाले सपेरा समाज के एक व्यक्ति लीलानाथ (43) की मंगलवार को बीमारी के कारण मौत हो गई। शमशान भूमि नही होने के चलते लोगों ने विरोध जताया और शव का अंतिम संस्कार नही करने की घोषणा कर दी। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझाकर शव का अंतिम संस्कार करा दिया।

ग्रामीण महेश नाथ ने बताया कि डूंगरपुर रिलखा गांव में करीब 60 वर्षों से सपेरा समाज रह रहा है। उनका कहना है कि वर्तमान में उनकी जनसंख्या 600 से अधिक है। उन्होंने बताया कि गांव में बने अन्य जाति के शमशान में उन्हें अंतिम संस्कार नही करने दिया जाता है। उन्होंने बताया कि सपेरा समाज के लोग शव को जलाने के बजाय मिट्टी में दबाते हैं । दो वर्ष पहले भी एक व्यक्ति की मौत हुई थी उस दौरान भी जमीन नही होने के कारण विरोध किया गया था। सूचना के बाद यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जल्द ही भूमि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था। आरोप है कि दो वर्ष बीत जाने के बावजूद भी समस्या जस की तस बनी हुई है। । मंगलवार को फिर लोगों द्वारा शव के अंतिम संस्कार नही करने की चेतावनी के बाद भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा। इस दौरान ग्रामीणों को समझाकर शव का अंतिम संस्कार करने का आग्रह किया गया। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस द्वारा आश्वासन दिया गया है कि जल्द ही यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों से मिलकर उनकी समस्या का समाधान कराया जायेगा। इस दौरान ओंकार नाथ, राजू नाथ, पीतम नाथ, अर्जुन नाथ, बद्री नाथ, तारा नाथ, कपील नाथ, नरेश नाथ और महावीर नाथ आदि लोग उपस्थित रहे।

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