*ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय मिसाइल शक्ति से पाकिस्तान के 11 एयरबेस ध्वस्त, लखनऊ बना डिफेन्स टेक्नोलॉजी का नया केंद्र*
*ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय मिसाइल शक्ति से पाकिस्तान के 11 एयरबेस ध्वस्त, लखनऊ बना डिफेन्स टेक्नोलॉजी का नया केंद्र*

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*ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय मिसाइल शक्ति से पाकिस्तान के 11 एयरबेस ध्वस्त, लखनऊ बना डिफेन्स टेक्नोलॉजी का नया केंद्र*
*’दुनिया कमजोरों की नहीं, शक्तिशालियों की सुनती है’: भारतीय मिसाइल शक्ति पर योगी-राजनाथ का संदेश*
समाचार लेख (लेखक: रविंद्र आर्य)
नई दिल्ली/लखनऊ, 11 मई — भारतीय सैन्य इतिहास में एक निर्णायक मोड़ लेते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 11 प्रमुख वायुसेना ठिकानों (एयरबेस) को सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया। भारतीय मिसाइल शक्ति की इस ऐतिहासिक कार्रवाई ने न केवल पाकिस्तान की वायुसेना को पंगु बना दिया, बल्कि दक्षिण एशिया की सामरिक स्थिरता में भारत की निर्णायक भूमिका भी स्थापित कर दी।
*भारतीय वायुसेना द्वारा निशाना बनाए गए 11 एयरबेस* —
रणनीतिक नक्शे की दृष्टि से पश्चिमी पाकिस्तान के ये एयरबेस भारत-पाक सीमा के 80-350 किमी दायरे में आते हैं, जो पाकिस्तान की एयर डिफेन्स की रीढ़ माने जाते थे।
1. सरगोधा एयरबेस (PAF मुख्य फाइटर बेस — पंजाब)
2. सियालकोट एयरबेस (पंजाब)
3. रहीम यार खान एयरबेस (पंजाब-सिंध सीमा)
4. जाकोबाबाद एयरबेस (सिंध)
5. चकलाला एयरबेस (नूर खान बेस — रावलपिंडी)
6. रफीकी एयरबेस (मियांवाली)
7. साहबाज एयरबेस (जामशोरो, सिंध)
8. मुरीद एयरबेस (पंजाब)
9. सुक्रूर एयरबेस (सिंध)
10. चुनियान एयरबेस (पंजाब)
11. कमरा एयरबेस (Pakistan Aeronautical Complex — अटक)
भारतीय मिसाइलों ने इन सभी ठिकानों के रनवे पर 25 से 30 मीटर गहरे गड्ढे बना दिए, जिससे विमानों की उड़ान पूरी तरह बाधित हो गई। लाहौर इंडस्ट्री कॉम्प्लेक्स स्थित पाकिस्तान की बम फैक्ट्री पर भी बड़ी मिसाइल स्ट्राइक की गई, जिसमें हथियार निर्माण इकाइयों को भारी क्षति पहुँची। भारतीय सेना ने स्पष्ट किया है कि इस ऑपरेशन में नागरिक प्रतिष्ठानों को लक्ष्य नहीं बनाया गया।
इस सैन्य सफलता में भारतीय सुपरसोनिक मिसाइल ‘भ्रमास्त्र’ की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही। ‘भ्रमास्त्र’ DRDO और भारतीय वायुसेना द्वारा विकसित एक बहुउद्देशीय सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसकी गति माच 3.5 (4000+ किमी/घंटा) है। इसकी मारक क्षमता 400 किलोमीटर तक है और यह परमाणु तथा पारंपरिक दोनों प्रकार के हथियार ले जाने में सक्षम है।
इसकी विशिष्टताएँ —
— भूमि, जल एवं वायु — तीनों माध्यमों से लॉन्च क्षमता
— अत्यंत कम ऊँचाई पर उड़ान (low radar signature)
— मल्टीपल टार्गेट स्ट्राइक क्षमता
— ‘फायर एंड फॉरगेट’ प्रणाली से स्वचालित संचालन
इस बीच, भारतीय वायुसेना ने चीन निर्मित ‘फतह-1’ मिसाइल को मार गिराकर अपनी तकनीकी श्रेष्ठता भी प्रदर्शित की। गिराई गई मिसाइल को भारत लाकर इसकी वैज्ञानिक जांच की गई। विशेषज्ञों के अनुसार, इसे आगामी गणतंत्र दिवस परेड में प्रदर्शित किया जा सकता है, जो भारत की रक्षा तकनीक की शक्ति का प्रतीक बनेगा।
*लखनऊ — भारत का नया रक्षा टेक्नोलॉजी केंद्र*
लखनऊ में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने DRDO के नए सुपरसोनिक मिसाइल प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। यह परियोजना 300 करोड़ रुपये की लागत से महज 40 महीनों में तैयार हुई है। योगी आदित्यनाथ ने कहा, “उत्तर प्रदेश सरकार ने DRDO को ज़मीन निःशुल्क उपलब्ध कराई, जिससे रक्षा तकनीक क्षेत्र को बड़ा बल मिला है। अवस्थी जी जैसे अधिकारियों का इसमें विशेष सहयोग रहा है।”
इस रक्षा केंद्र की मुख्य विशेषताएँ —
— 120 एकड़ में फैला डिफेन्स प्रोडक्शन कॉम्प्लेक्स
— सुपरसोनिक मिसाइलों के निर्माण, अनुसंधान और परीक्षण की सुविधा
— 3200 से अधिक इंजीनियर, वैज्ञानिक और तकनीकी विशेषज्ञों की टीम
— 6 प्रमुख भारतीय रक्षा कंपनियों (Bharat Dynamics Ltd, L&T Defence, Tata Advanced Systems, BEL, HAL, और Astra Microwave) की सहभागिता
— इजराइल की Rafael Advanced Defence Systems की तकनीकी साझेदारी
योगी आदित्यनाथ ने कहा, “हमने इजराइल से सीखा है कि छोटी जनसंख्या और सीमित क्षेत्रफल के बावजूद कैसे उन्नत तकनीक और मिसाइल डिफेन्स से देश को सुरक्षित रखा जा सकता है। लखनऊ डिफेन्स कॉरिडोर उसी दृष्टि का उदाहरण है।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “दुनिया कमजोरों की नहीं, शक्तिशालियों की सुनती है। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हम आत्मरक्षा के अधिकार का पूरी तरह उपयोग करेंगे। पाकिस्तान ने मंदिरों, गुरुद्वारों और नागरिकों को निशाना बनाया, लेकिन हमने केवल सैन्य ठिकानों पर सटीक प्रहार किया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान बना रहा।”
*अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और कूटनीतिक आयाम*
इस ऑपरेशन के बाद वैश्विक स्तर पर भारत की छवि निर्णायक और संयमित शक्ति के रूप में उभरी है।
— अमेरिका, रूस, फ्रांस और इजराइल ने भारत की आत्मरक्षा को वैध करार दिया
— यूएन सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में भारत का पक्ष बहुमत से स्वीकार किया गया
— पाकिस्तान की चीन और तुर्की से मदद की अपील प्रभावहीन रही
— यूरोपीय यूनियन ने पाकिस्तान से आतंकवाद पर नियंत्रण की माँग की
लेखक रविंद्र आर्य के अनुसार, “पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति के लिए ‘वन मैन आर्मी’ मुनीर जिम्मेदार है, जिसने कट्टरता और आतंकवाद के बल पर पूरे देश को युद्ध के मुहाने पर ला खड़ा किया। यह स्थिति केवल दक्षिण एशिया ही नहीं, वैश्विक शांति के लिए भी गंभीर चिंता का विषय है।”
रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भारत अभी भी सिंधु जल समझौते पर कायम है, लेकिन यदि पाकिस्तान अपनी आतंकी गतिविधियाँ नहीं रोकता, तो रणनीतिक विकल्प खुले रखे जाएंगे। फिलहाल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता ने भारतीय सैन्य शक्ति और कूटनीतिक नीति को वैश्विक पटल पर नई ऊँचाई दी है।