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*कवि अमित शर्मा ने विदेशी धरती कतर में भारतीय संस्कृति की छटा बिखेरी*

*कवि अमित शर्मा ने विदेशी धरती कतर में भारतीय संस्कृति की छटा बिखेरी*

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*कवि अमित शर्मा ने विदेशी धरती कतर में भारतीय संस्कृति की छटा बिखेरी*

(आशीष सिंघल)

भारतीय साहित्य के गौरवशाली प्रतिनिधि कवि अमित शर्मा की हाल ही में सम्पन्न हुई क़तर काव्य यात्रा ऐतिहासिक रूप से सफल रही। इस अवसर पर प्रवासी भारतीयों सहित स्थानीय साहित्य-प्रेमियों ने बड़े उत्साह और आत्मीयता के साथ भागीदारी निभाई।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए अमित शर्मा जी ने अपनी प्रभावशाली कविताओं के माध्यम से श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। उनकी काव्य-धारा में जहाँ राष्ट्रप्रेम की ऊष्मा थी, वहीं मानवीय संवेदनाओं का कोमल स्पर्श भी मौजूद रहा। क़तर की धरती पर गूँजे उनके शब्दों ने न केवल भारतीय संस्कृति की महक पहुँचाई, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पटल पर भारतीय कविता की गरिमा को और ऊँचा उठाया। कवि अमित शर्मा ग्रेटर नोएडा स्थित सैनी गाँव के निवासी हैं ।

नार्थ इंडियंस एसोसिएशन के तत्वावधान में पूरे आयोजन के दौरान सभागार बार-बार तालियों की गड़गड़ाहट से गूँजता रहा। श्रोताओं ने कवि की रचनाओं को ‘आत्मा से जुड़ा अनुभव’ बताते हुए कहा कि यह कार्यक्रम उनके लिए लंबे समय तक यादगार रहेगा। इस कार्यक्रम में सेलेब्री कवि के रूप में “द ग्रेट इंडियन लाफ़्टर चैलेंज” के विनर सुरेश अलबेला जी भी उपस्थित रहे और प्रवासी भारतीयों को खूब देर तक हँसाया । राजस्थान की कवयित्री आयुषी राखेचा ने अपने गीतों के माध्यम से एक अमिट छाप छोड़ी ।

कवि अमित शर्मा जी ने अपने उद्बोधन में कहा :
“यह मेरे लिए अविस्मरणीय अनुभव है। क़तर की पावन भूमि पर अपनी मातृभूमि भारत की कविताओं का स्वर पहुँचाना जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। इस यात्रा की सफलता मेरे लिए व्यक्तिगत गर्व ही नहीं, बल्कि पूरे भारतीय साहित्य जगत का सम्मान है।”

यह काव्य यात्रा भारत और क़तर के बीच सांस्कृतिक रिश्तों को मज़बूती प्रदान करने वाली ऐतिहासिक पहल साबित हुई।

नार्थ इंडियंस एसोसिएशन कतर के अध्यक्ष ललित पाण्डेय जी ने बताया कि हिन्दी कवि सम्मेलन यहाँ बहुत लम्बे समय बाद हुआ है । किसी को इतनी उम्मीद नहीं थी कि अश्लीलता के इस दौर में इतना स्वस्थ मनोरंजन भी हो सकता है ।

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