*आई.टी.एस. कॉलेज, ग्रेटर नोएडा के छात्रों ने आई.आई.टी मंडी में सर्वश्रेष्ठ रोबोट बनाकर प्रतियोगिता जीती*
*आई.टी.एस. कॉलेज, ग्रेटर नोएडा के छात्रों ने आई.आई.टी मंडी में सर्वश्रेष्ठ रोबोट बनाकर प्रतियोगिता जीती*

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*आई.टी.एस. कॉलेज, ग्रेटर नोएडा के छात्रों ने आई.आई.टी मंडी में सर्वश्रेष्ठ रोबोट बनाकर प्रतियोगिता जीती*
(आशीष सिंघल)
आई.टी.एस. कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज, ग्रेटर नोएडा के बीसीए विभाग के 18 छात्रों ने हाल ही में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मंडी, हिमाचल प्रदेश में आयोजित एक महीने के “प्रयास 3.0” आवासीय इमर्शन प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया। यह प्रशिक्षण 15 जून 2025 से 11 जुलाई 2025 तक दिया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और अन्य उन्नत तकनीकों का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना था।
टीम का नेतृत्व आई.टी.एस. कॉलेज के सहायक प्रोफेसर मनोज कुमार गुप्ता ने किया, जो पूरे कार्यक्रम के दौरान समन्वयक के रूप में छात्रों के साथ मौजूद रहे और शैक्षणिक एवं तकनीकी गतिविधियों में उनका मार्गदर्शन किया।
कार्यक्रम के दौरान, छात्रों ने विभिन्न परियोजनाओं जैसे – एक लाइन फॉलोअर, एक वॉल फॉलोअर, एक बाधा निवारण रोबोट और एक आर.सी. कार पर काम किया। इन व्यावहारिक परियोजनाओं ने छात्रों को सैद्धांतिक ज्ञान को व्यावहारिक कौशल में बदलने में मदद की।
आई.आई.टी मंडी में, एक महीने तक सभी छात्रों ने आर्टीफिटियल इंटेलिजेंस पर आधारित रोबोट और इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स का उपयोग करते हुए -सक्षम स्मार्ट डिवाइस का प्रशिक्षण लिया। इसके अलावा, छात्रों ने रोबोटिक फुटबॉल प्रतियोगिता जैसी रोचक तकनीकी गतिविधियों में भी भाग लिया, जिसमें उनका प्रदर्शन सराहनीय रहा। सभी छात्रों ने आर्टीफिटियल इंटेलिजेंस का उपयोग करते हुए रोबोट पर चार अलग-अलग प्रोजेक्ट बनाए, जिसमें पहला: इन्फ्रारेड सेंसर का उपयोग करके लाइन फॉलोइंग रोबोट, दूसरा: अल्ट्रासोनिक सेंसर का उपयोग करके वॉल फॉलोअर रोबोट, तीसरा: अल्ट्रासोनिक सेंसर और सर्वो मोटर का उपयोग करके बाधा पहचान रोबोट, और चौथा: मोबाइल के माध्यम से नोड एमसीयू का उपयोग करके वाई-फाई नियंत्रित रोबोट।
आईआईटी मंडी के विशेषज्ञों और संकाय द्वारा छात्रों को उच्च-गुणवत्तापूर्ण शिक्षण, व्यावहारिक सत्र और टीम-आधारित परियोजनाओं से परिचित कराया गया। छात्रों ने कहा कि यह अनुभव न केवल उनके तकनीकी ज्ञान में वृद्धि का स्रोत रहा, बल्कि उनके आत्मविश्वास और नेतृत्व कौशल को भी मजबूत किया।
इस एक महीने के प्रशिक्षण में आईआईटी मंडी द्वारा आयोजित की गयी कई प्रतियोगिताओं में एक तरफ निखिल, यशवी, एवं निशा कुमारी ने गोल्ड मैडल जीते तो वही विक्की कुमार और मनोज कुमार गुप्ता ने सिल्वर मैडल अपने नाम किये। अंतिम दिन हुई रोबोट प्रतियोगिता में, नितिन नैन (बी.सी.ए -विद्यार्थी) ने रोबोट बनाकर अपने हाथ से नियंत्रित करते हुए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और गोल्ड मैडल अपने नाम किया।
संस्थान के प्राचार्य डॉ. दिलीप सिंह ने सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि “ऐसे राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेने से छात्रों में तकनीकी समझ बढ़ती है और उनका भविष्य उज्ज्वल होता है। यह संस्थान के लिए गर्व की बात है।” आईटीएस कॉलेज प्रबंधन अपने छात्रों को निरंतर ऐसे अवसर प्रदान करता है ताकि वे शैक्षणिक और औद्योगिक दृष्टिकोण से भविष्य के लिए तैयार हो सकें।