*एक मिशाल की पेश पुलिस का सराहनीय क़दम कांस्टेबल के अथक प्रयास से सौतेली माता व पिता को हुई जेल
*एक मिशाल की पेश पुलिस का सराहनीय क़दम कांस्टेबल के अथक प्रयास से सौतेली माता व पिता को हुई जेल

(आशीष सिंघल)
गुजरात में एक गजब की कहानी सामने आ रही है जो मानवीय रिश्तों के विकृत स्वरूप को बताती है
7 फरवरी 2025 को एक बालक की हत्या की कोशिश की गई
आनंद एक्सप्रेस हाईवे पर एक कार रुकी और कार में से एक बच्चे को मृत समझकर बाहर फेंक दिया गया
बच्चे को खूब मारा गया था उसके दोनों पैर टूटे हुए थे बच्चा बेहोश था बच्चा मर गया है यह मानकर दरिंदो ने बच्चे को फेंक दिया था
तभी एक दूसरे कार चालक की नजर अचानक हाईवे के किनारे पड़े बच्चे पर पड़ती है वह तुरंत पुलिस को और 108 एंबुलेंस को फोन करता है
बच्चे को तुरंत अस्पताल ले जाया जाता है संजोग से बच्चा जिंदा था लेकिन उसके दोनों पैर बुरी तरह से टूट चुके थे डॉक्टर तुरंत बच्चे का इलाज करते हैं
बच्चा जब होश में आया तब उसने बताया कि वह 5 साल का है उसका नाम कन्हैया है उसके पिता का नाम उदय वर्मा है जो मूल उत्तर प्रदेश से हैं और उसके पिता और उसकी सौतेली मां ने उसे मारकर फेंक दिया लेकिन बच्चे को अपने घर का पता नहीं मालूम था
उसके बाद आनंद पुलिस ने बच्चे की तस्वीर को सोशल मीडिया पर डाला और आम जनता से इस केस की जांच के लिए मदद मांगी क्योंकि इस घटना ने पूरे गुजरात को हिला दिया था
फिर सोशल मीडिया पर और अखबारों में नडियाद के पुलिस कांस्टेबल प्रदीप सिंह ने जब बच्चे की तस्वीर को दिखा तब अचानक प्रदीप सिंह को जैसे कुछ याद आया
6 दिसंबर 2022 में नडियाद के पास ठीक इसी तरह से एक बच्ची को गंभीर हालत में फेंका गया था बच्ची मरणासन्न थी बहुत गंभीर हालत में थी और उसके बगल में एक महिला की लाश पड़ी थी
अभी उसे घटना पर क्लोजर रिपोर्ट नहीं लगी थी क्योंकि पुलिस को कोई कुल्लू नहीं मिल रहा था
लेकिन प्रदीप सिंह को यह लगा की जो बच्चा आनंद हाईवे पर मिला है और जो बच्ची 4 साल पहले इसी हालत में नडियाद हाईवे पर मिली थी तो दोनों की आंखों में कुछ समानता है
प्रदीप सिंह तुरंत अनाथ आश्रम गए क्योंकि वह बच्ची अनाथ आश्रम में पल रही थी और उस बच्ची से उसे घायल लड़के की जो अस्पताल में था उसे वीडियो कॉल पर बात कराई
वीडियो कॉल पर उसे बच्चे को जिसका नाम कन्हैया था उसे देखकर बच्ची खुशी से उछल पड़ी और बोली यह तो मेरा सगा भाई है
अब पता चल गया कि कन्हैया और खुशी दोनों सगे भाई बहन हैं अब उनके पिता उदय वर्मा कहां है इसकी जांच शुरू हो गई
उसके बाद कांस्टेबल प्रदीप सिंह ने एक्सप्रेसवे पर 7 फरवरी 2025 और 6 दिसंबर 2022 की तारीख का मोबाइल डाटा का एनालिसिस किया उसमें से कुछ नंबर संदिग्ध मिले और एक नंबर वेरीफाई करने पर वह उदय वर्मा का डाटा मिला उसके बाद उदय वर्मा के नंबर को सर्विलांस पर डाला गया तब उसका लोकेशन अहमदाबाद में सोनी की चली का मिला
पुलिस तुरंत सोनी की चाली पहुंची और उदय वर्मा को गिरफ्तार किया गया
पूछताछ में उदय वर्मा बताया कि दोनों बच्चे मेरे हैं उदय वर्मा को एक महिला से प्यार हो गया था महिला की शर्त थी कि तुम्हें पहले अपनी पहली पत्नी और दोनों बच्चों को ठिकाने लगाना पड़ेगा तब मैं तुमसे शादी करूंगी
अवैध संबंध में अंधे उदय वर्मा ने अपनी पत्नी की हत्या की और अपनी बच्ची की लगभग हत्या कर दिया था उसे मरणासन्न करके फेंक दिया था लेकिन बच्ची जिंदा बच गई उदय वर्मा ने शुरू में अपने बेटे की हत्या नहीं कर पाया लेकिन बाद में जब कुछ सालों बाद उसकी दूसरी पत्नी यह कहने लगी कि उसे यह बेटा नहीं चाहिए तब दोनों ने बेटे कन्हैया की भी हत्या का प्लान बनाया लेकिन भगवान को कुछ और मंजूर था
और कन्हैया बच गया
पुलिस कांस्टेबल प्रदीप सिंह की सतर्कता की वजह से एक बहुत बड़े घटना का पूरा पर्दाफाश हुआ और गुनहगार हत्यारे दरिंदे शिकंजे में आ गए
संजोग देखिए अब दोनों भाई-बहन नडियाद के अनाथालय में पल रहे हैं
हत्यारा पिता जेल में है सौतेली मां भी जेल में है
दोनों भाई बहनों को नसीब ने किस मोड़ पर मिला दिया और कहां मिला दिया कि हाल में मिला दिया यह सोचने पर आंखें नम हो जाती है
और आप खुद सोचिए कि इंसान अब कितना स्वार्थी और कितना दरिंदा बन चुका है असल में यह कलयुग की शुरुआत हो चुकी है यह कलयुग है