*शारदा यूनिवर्सिटी में 8 वें दीक्षांत समारोह का हुआ आयोजन 3511 छात्रों को डिग्रियां दी गई*
*शारदा यूनिवर्सिटी में 8 वें दीक्षांत समारोह का हुआ आयोजन 3511 छात्रों को डिग्रियां दी गई*
शारदा यूनिवर्सिटी में 8 वें दीक्षांत समारोह का हुआ आयोजन
3511 छात्रों को डिग्रियां दी गई
(आशीष सिंघल)
ग्रेनो के नॉलेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय अपना 8वां दीक्षांत समारोह का आयोजन मंगलवार को किया गया । समारोह में कुल 3511 छात्रों को डिग्रियां दी गई। इसमें अंडर ग्रेजुएट 2427 डिग्री, पोस्ट ग्रेजुएट 998 डिग्री और पीएचडी की 86 डिग्री प्रदान की गई। वहीं 4 छात्रों को चांसलर स्वर्ण पदक, 27 वाइस चांसलर स्वर्ण पदक पोस्ट ग्रेजुएट, 55 वाइस चांसलर स्वर्ण पदक अंडर ग्रेजुएट , ,22 मेरिट सर्टिफिकेट पीजी,89 मेरिट अंडर ग्रेजुएट सर्टिफिकेट दिए गए। समारोह में मुख्य अतिथि
जेसी2 वेंचर्स के संस्थापक और सीईओ, सिस्को के पूर्व अध्यक्ष और सीईओ जॉन टी चैम्बर्स, अध्यक्ष और सीईओ यूएसआईएसपीएफ डॉ मुकेश अघी रहे। विश्वविद्यालय के चांसलर पीके गुप्ता और प्रो चांसलर वाईके गुप्ता अतिथियों का शॉल उठाकर और प्रतिक चिंह देकर स्वागत किया।
समारोह में जेसी2 वेंचर्स के संस्थापक और सीईओ, सिस्को के पूर्व अध्यक्ष और सीईओ जॉन टी चैम्बर्स ने कहा कि भारत में तकनीक और नवाचार आधारित फर्मो के लिए अधिक अनुकूल वातावरण उपलब्ध है। भारत ने बहुत खुला माहौल बनाया है। आप सभी को इस अद्भुत मील के पत्थर पर पहुंचने के लिए बधाई देना चाहता हूं। मुझे पता है कि यहां पहुंचने के लिए कितनी मेहनत और समर्पण की आवश्यकता थी। व्यक्तिगत रूप से, मैं अपनी सफलता का बहुत बड़ा श्रेय अपने माता-पिता को देता हूं। जिन्होंने मुझे सिखाया कि शिक्षा जीवन में सच्चा समानता का साधन है। जब आप भविष्य की ओर बढ़ते हैं, तो जान लीजिए कि आप नवाचार के अगले लहर हैं, वे लोग जो कल की तकनीक को आकार देंगे। चाहे आप उद्यमी बनें, नेता बनें, या मौजूदा कंपनियों में भागीदार बनें, इस विकसित होते परिदृश्य में आपकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी। आपकी शिक्षा ने आपको इस क्षण के लिए तैयार किया है, और दुनिया आपकी योगदान के लिए तैयार है। आपके रिश्ते मजबूत हैं, आपका विश्वास मजबूत है भारत इन्हीं चीजों के लिए जाना जाता है। भारत बहुत तेजी से बढ़ रहा है,डिजिटल इंडिया और नेतृत्व भारत की सफलता के महत्वपूर्ण भाग हैं। नए युग की फर्मों में निवेश और सलाह देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जिन्हें बनाया और बढ़ाया जा सकता है। उनका मानना है कि स्टार्टअप डिजिटल युग में नवाचार और आर्थिक विकास के मुख्य चालक हैं।
कार्यक्रम में यूएसआईएसपीएफ अध्यक्ष और सीईओ डॉ मुकेश अघी हमारी जड़ें हमारी संस्कृति, मूल्य, और पहचान का प्रतिनिधित्व करती हैं। ये जड़ें हमें स्थिर रखती हैं, हमें ताकत देती हैं, और हमें एक जुड़ाव का एहसास कराती हैं। इन जड़ों को थामे रहना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि इन्हीं पर हम अपने भविष्य की नींव रखते हैं। जब आपकी जड़ें मजबूत होती हैं, सही मूल्यों से मार्गदर्शित होती हैं, और आप अपने पंखों का सही उपयोग करते हैं, तो आप अपनी खुद की सफलता की कहानी लिख सकते हैं। लेकिन हमेशा याद रखें, चाहे आप कितनी भी ऊंचाई पर पहुंचें, उन मूल्यों को कभी न भूलें जो आपको स्थिर रखते हैं। यही आपको हर चुनौती और सफलता के बीच मार्गदर्शन करेंगे। इसलिए, जब आप दुनिया की ओर कदम बढ़ाएँ, तो सुनिश्चित करें कि आप अपने मूल्य हमेशा अपने साथ रखें। यही आपके जीवन में सफलता और संतुष्टि का मार्गदर्शन करेंगे।
दीक्षांत समारोह में चांसलर पीके गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि जैसे तकनीकी क्षेत्रों में बदलाव हो रहे हैं, वैसे ही बदलाव शिक्षा क्षेत्र में भी देखे जा रहे हैं और आपको बस अपडेट रहने की जरूरत है। नए विचारों को अपनाएं, नई सीख के लिए तैयार रहें। हमेशा नए क्षेत्रों में रुचि लें जिससे आपका ज्ञान बढ़ेगा। इसके अलावा छात्रों को अपने कोर्स के साथ-साथ अन्य कोर्स के बारे में भी कुछ जानकारी होनी चाहिए। शिक्षा का मकसद डिग्री हासिल करना नही है बल्कि व्यक्ति का समग्र विकास होना चाहिए । जिन स्टूडेंट्स को डिग्री मिली है वो देश को आगे ले जाने के लिए कार्य करें। भविष्य में उच्च शिक्षा और नई तकनीक पर की जानकारी देश हित के लिए प्रयोग करें। शारदा ग्रुप शिक्षा को मिशन के रूप में कार्य कर रही है। टीचर ही जो आपको अपने से बेहतर देखना जीवन में आपका लक्ष्य अलग करना , नया करना अगर अलग करते है तो दुनिया आपके कदम चुमेगी। शारदा विश्वविद्यालय डिग्री देने वाली संस्था नही लेकिन ज्ञान और शिक्षा देने वाला संस्थान है। डिग्री लेने के बाद आप अपने देश, समाज को दे सकते है उस पर ध्यान देना चाहिए।
इस दौरान यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर वाईके गुप्ता, वाइस चांसलर डॉ सिबाराम खारा,प्रो वाइस चांसलर डॉ परमानंद,रजिस्ट्रार विवेक कुमार गुप्ता, डायरेक्टर पीआर डॉ अजीत कुमार, समेत विभिन्न विभागों एचओडी और डीन मौजूद रहे।