नगर पंचायत के अधिकारीयों की मिली भगत से से हो रहे हैं यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में नक्शा पास
नगर पंचायत के अधिकारीयों की मिली भगत से से हो रहे हैं यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में नक्शा पास
यमुना प्राधिकरण की अधिसूचित जमीन पर लाखों रुपए लेकर नक्शा पास कर देती है नगर पंचायत
नक्शा से निवेशकों का भरोसा जीतते है कॉलोनाइजर
(आशीष सिंघल)
दनकौर। दनकौर में कॉलोनाइजर यमुना प्राधिकरण के अधिसूचित जमीन पर कॉलोनी बसा रहे है। कॉलोनाइजर का भरपूर साथ नगर पंचायत के अधिकारी दे रहे है, जोकि लाखों रुपए की रसीद काटकर जमीन पर नक्शा पास कर देते है। कॉलोनाइजर निवेशकों को उसी नक्शा से निवेशकों को भरोसा देता है कि आप प्लॉट सुरक्षित जमीन में ले रहे हो।
साथ ही बैंक लोन की पूरी गारंटी दी जाती है। मोटा मुनाफा कमाने के बाद पूरी कॉलोनी बसा देता है। यदि कभी प्राधिकरण में शिकायत की जाती है तो अधिकारियों से सांठगांठ कर मामला निपटा दिया जाता है। औपचारिक तौर पर प्राधिकरण के अधिकारियों ने करीब 1 साल पहले एक दो कॉलोनी को अवैध मानते हुए तोड़ा भी है। पिछले 1 साल में जमीनों की कीमत 3 गुनी बढ़ी है। कॉलोनाइजर किसान की जमीन को 30 से 50 लाख रुपए प्रति बीघा खरीदता है और प्लॉट बनाकर 15 से 25 हजार रुपए प्रति गज बेच देता है। अभी तक 200 बीघे से अधिक अधिसूचित जमीन पर कॉलोनी कट चुकी है। अभी निवेशकों को भी नही पता कि ऐसी कॉलोनी में किया गए निवेश का भविष्य संकट में है।
केस 1. फरवरी 2024 को दनकौर के बाईपास रोड़ पर सुखबीरी के नाम से कॉलोनी बसाने के लिए नगर पंचायत ने करीब 30 बीघा जमीन की 35 लाख रुपये में नक्शा पास की रसीद काट दी। एक नगर पंचायत सभासद ने बताया कि कॉलोनाइजर ने इस रसीद के करीब 65 लाख रुपये अलग से दिए है।
केस 2. जून 2020 में धनोरी रोड़ पर करीब 20 बीघा जमीन में खेड़ा देवत कॉलोनी बसाई जा रही है। इस कॉलोनी को अवैध मानते हुए प्राधिकरण से नोटिस भी भेजा था, लेकिन प्राधिकरण के एक अधिकारी ने लाखों रुपए लेकर नोटिस का जवाब भी अपने आप तैयार कर लिया और मामला शांत हो गया। नगर पंचायत ने भी करीब 45 लाख रुपये लिए और 25 लाख रुपये की रसीद काटकर नक्शा पास कर दिया।
केस 3. यमुना एक्सप्रेस वे से सटी 25 बीघा रूपलाल कॉलोनी की जमीन के कुछ हिस्से को छोड़कर दस्तावेज में यमुना प्राधिकरण चढ़ा हुआ है। इसके बाद भी लाखों रुपए लेकर नगर पंचायत ने नक्शा पास कर कॉलोनी बसाने की अनुमति दे दी।
केस 4. दनकौर बस अड्डे के पास बिना नाम की कॉलोनी काटकर पूरी तरह बसा दी गई है। दस्तावेज में अभी भी प्राधिकरण का नाम दर्ज है।
मैंने कुछ दिन पहले ही चार्ज लिया है। मुझे इस बारे में जानकारी नही है। जानकारी जुटाने के बाद ही कुछ बताया जा सकता है।— फिरोज खान, अधिशासी अधिकारी