*सुनीता केजरीवाल नहीं बनेंगी सीएम, सौरभ भारद्वाज ने किया साफ*
*सुनीता केजरीवाल नहीं बनेंगी सीएम, सौरभ भारद्वाज ने किया साफ*
*सुनीता केजरीवाल नहीं बनेंगी सीएम, सौरभ भारद्वाज ने किया साफ*
(आशीष सिंघल)
आज दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल उपराज्यपाल वीके सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंपेंगे। इससे पहले सीएम आवास पर मंगलवार को विधायक दल की बैठक बुलाई गई। इस बैठक में नए सीएम का एलान होगा।
बता दें एलजी वीके सक्सेना ने आज शाम को अरविंद केजरीवाल को मिलने का समय दिया। अब दिल्ली का अगला कप्तान कौन होगा। यह अब से थोड़ी दे में पता चल जाएगा। सीएम की रेस में आतिशी, सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत और गोपाल सुनीता केजरीवाल नहीं बनेंगी सीएम, सौरभ भारद्वाज ने किया साफ
आज दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल उपराज्यपाल वीके सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंपेंगे। इससे पहले सीएम आवास पर मंगलवार को विधायक दल की बैठक बुलाई गई। इस बैठक में नए सीएम का एलान होगा।
आज दिल्ली की गद्दी छोड़ेंगे केजरीवाल।
अपने किसी भरोसेमंद को सौंप सकते हैं कुर्सी।
पहले विधायक दल की बैठक, बाद में एलजी को देने जाएंगे इस्तीफा।
बता दें एलजी वीके सक्सेना ने आज शाम को अरविंद केजरीवाल
को मिलने का समय दिया। अब दिल्ली का अगला कप्तान कौन होगा। यह अब से थोड़ी दे में पता चल जाएगा। सीएम की रेस में आतिशी, सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत और गोपाल राय जैसे कई नाम शामिल हैं।
सुनीता केजरीवाल नहीं होंगी सीएम-सौरभ भारद्वाज
दिल्ली के नए सीएम के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि वह मंत्रिपरिषद में से कोई होगा या विधायकों में से, लेकिन हम आपको बता देंगे। जहां तक मैं अरविंद केजरीवाल की राजनीति को समझता हूं। मुझे नहीं लगता कि यह सुनीता केजरीवाल होंगी, उन्हें कोई दिलचस्पी नहीं है।
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सीएम की कुर्सी पर कौन बैठता है-सौरभ भारद्वाज
आप नेता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) का कहा कि “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सीएम की कुर्सी पर कौन बैठता है क्योंकि जनादेश अरविंद केजरीवाल के लिए था। जनता ने अरविंद केजरीवाल को चुना। उन्होंने कहा है कि वह सीएम पर नहीं बैठेंगे। कुर्सी तब तक है जब तक लोग दोबारा नहीं मांगते लेकिन कुर्सी इन और अगले 5 सालों के लिए अरविंद केजरीवाल की है। चुनाव होने तक हममें से कोई कुर्सी पर बैठेगा, यह उसी तरह होगा जैसे भरत ने अनुपस्थिति में शासन किया था भगवान राम। आज विधायकों से चर्चा होगी और उसमें नाम तय हो सकता है।”
मुख्यमंत्री के रूप में केजरीवाल के कार्यकाल
पहला कार्यकाल-28 दिसंबर 2013 से 14 फरवरी 2014
दूसरा कार्यकाल-14 फरवरी 2014 से 20 फरवरी 2020
तीसरा कार्यकाल-16 फरवरी 2015 से 17 सितंबर 2024
आज दोपहर 12 बजे दिल्ली को मिल जाएगा नया सीएम
अभी से करीब दो घंटे बाद यानी दोपहर 12 बजे दिल्ली के नए सीएम
की घोषणा होगी। विधायक दल की बैठक के बाद नए सीएम के नाम का एलान होगा।
: पार्टी मीटिंग में तय होगा दिल्ली का अगला CM
दिल्ली के सीएम केजरीवाल (Kejriwal Resignation) आज इस्तीफा देंगे। उससे पहले मंगलवार सुबह 11:30 बजे विधायकों की मीटिंग बुलाई है। इसी पार्टी मीटिंग में नए मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला होगा।
बोलने से बच रहे आम आदमी पार्टी के नेता
नया मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इस पर आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) का कोई भी नेता बोलने को तैयार नहीं है। उनका साफ कहना है कि पार्टी विधायक दल की बैठक में जिसके नाम पर मुहर लगेगी, उसी को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। उनकी मानें, तो यह प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ अपनाई जा रही है। मंगलवार को इससे पर्दा उठ जाएगा।
दिल्ली में कौन बनेगा मुख्यमंत्री? इन नामों पर चर्चा
दिल्ली (Delhi News Hindi) ही नहीं बल्कि देश के लोग इस समय जानना चाहते हैं कि केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के इस्तीफा देने के बाद दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इस पर फिलहाल तो सस्पेंस बना हुआ है। मगर मुख्यमंत्री की रेस में कुछ नाम ऐसे हैं, जिन्हें लेकर कयासों का बाजार गर्म है। हम आपको उन नामों के बारे में बता रहे हैं। पर क्या इन नामों में से ही कोई एक नाम पर मुहर लगेगी ये तो वक्त बताएगा।
1. सुनीता केजरीवाल
2. आतिशी
3. सौरभ भारद्वाज
3. कैलाश गहलोत
4. गोपाल राय
दिल्ली कैबिनेट में नए विधायकों को मिल सकता है मौका
दिल्ली को मंगलवार को नया मुख्यमंत्री (Delhi New CM) ही नहीं, बल्कि कुछ नए मंत्री भी मिल सकते हैं। सूत्रों की मानें तो दिल्ली के पूरे मंत्रिमंडल में बदलाव होने जा रहा है। मंत्रियों के विभागों में भी बदलाव होना संभव है। ऐसे में नए विधायकों को मंत्रिमंडल में मौका दिया जा सकता है।
केजरीवाल पर भ्रष्टाचार का गंभीर मामला-हरदीप सिंह पुरी
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे वाले बयान पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “मुझे लगता है कि करीब 145 दिनों तक वे जेल में रहे। उन्होंने 145 दिनों से पहले या उसके दौरान इस्तीफा क्यों नहीं दिया? अगर आपको इस्तीफा देना है तो खुशी से करें।
यह दावा न करें कि आप कुछ खास कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की जमानत शर्तों के अनुसार, वे अपने कार्यालय नहीं जा सकते हैं या किसी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते। यह उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है, उन्हें अभी भी जवाब देना होगा।
- रामलीला मैदान में, वे कभी अन्ना हजारे के साथ कांग्रेस के खिलाफ धरने पर बैठते थे और बाद में उन्होंने कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया।”