*आई.टी.एस कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज, ग्रेटर नोएडा, संस्थान में बीबीए एवं बीसीए के विद्यार्थिओं के लिए पाँच दिवसीय ओरिएन्टेशन कार्यक्रम “सुभारम्भ -3.0” का हुआ सफलतापूर्ण समापन*
*आई.टी.एस कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज, ग्रेटर नोएडा, संस्थान में बीबीए एवं बीसीए के विद्यार्थिओं के लिए पाँच दिवसीय ओरिएन्टेशन कार्यक्रम "सुभारम्भ -3.0" का हुआ सफलतापूर्ण समापन*
*आई.टी.एस कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज, ग्रेटर नोएडा, संस्थान में बीबीए एवं बीसीए के विद्यार्थिओं के लिए पाँच दिवसीय ओरिएन्टेशन कार्यक्रम “सुभारम्भ -3.0” का हुआ सफलतापूर्ण समापन*
(आशीष सिंघल)
दिनांक 14 सितंबर 2024, आई.टी.एस कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज द्वारा पाँच दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम “सुभारमभ 3.0” का आज सफलतापूर्ण समापन हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ, विशिष्ठ अतिथी सुनील प्रसाद (जी.एम.-आई.ओ.सी.एल.) एवं संस्थान के निदेशक डॉ. दिलीप सिंह द्वारा माँ सरस्वती की वंदना एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ. दिलीप सिंह ने सभी अतिथि एवं नव प्रवेशित विद्यार्थियों का स्वागत किया और साथ ही उन्होंने आई.टी.एस.संस्थान की उपलब्धिओं को साझा करते हुए, इंडस्ट्रियल कनेक्ट, प्लेसमेंट एंड ट्रेनिंग के बारे में भी विस्तार से बताया। डॉ. दिलीप सिंह ने अपने सम्बोधन में विद्यार्थियों को समझाया कि किसी भी अवसर को छोटा समझकर छोड़ना नहीं चाहिए क्योंकि हो सकता है कि जिस अवसर को आपने छोड़ दिया शायद वैसा अवसर आगे मिले या न मिले। इसके साथ सभी छात्रों को आश्वासन दिया कि संस्थान उनके भविष्य को संभालने-सँवारने के साथ-साथ उनके बहुमुखी विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्य अतिथि सुनील कुमार प्रसाद ने छात्रों को अपने जीवन के बहुमूल्य अनुभव साझा करते हुए बताया कि नौकरी की तैयारी कैसे करें और करियर के अच्छे अवसर कैसे प्राप्त करें। उन्होंने बताया कि सफलता के बाद भी जीवन पथ पर चुनौतिओं का सामना करना ही पड़ता है। हम सबको प्रत्येक चुनौंती के लिए तैयार रहना चाहिए।
इस अवसर पर मानवीय मूल्यों के प्रबोधक मनोज कुमार गुप्ता ने भी “समग्र विकास में शिक्षा की भूमिका” पर एक सत्र लिया। उन्होंने बताया कि एक मानवीय समाज स्थापित करने के लिए शिक्षा के द्वारा विद्यार्थिओं में तकनीकी योग्यता विकसित करने के साथ-साथ मानवीय मूल्यों की समझ को भी सुनिश्चित करने की अति आवश्यकता है। आपने समझाया कि मानवीय मूल्यों के साथ जीने का अर्थ है कि हर एक मनुष्य को सही समझ के साथ संबंधों में सही भाव सुनिश्चित करना एवं सही हुनर के द्वारा प्रकृति से अपनी भौतिक आवश्यकताएँ भी सुनिश्चित करके सुखपूर्वक जीना है न कि बिना अपनी भौतिक आवश्यकताओं को समझे, मनुष्य द्वारा भौतिक साधनों का लगातार संचय करते रहना है।
कार्यक्रम के समापन पर सहायक प्रोफेसर श्रीमती मनीषा शर्मा ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए सभी छात्रों को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएँ की। संस्थान के चेयरमैन डॉ. आर. पी. चड्ढा ने नए सत्र में प्रवेश कर रहे सभी छात्र – छात्राओं को उच्च शिक्षा ग्रहण करने एवं जीवन में सफल होने के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दीं।